बनारसी पान को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया

 

बनारसी पान को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया

2022 के 3 अप्रैल को अमिताभ बच्चन के प्रसिद्ध गाने “खाइके पान बनारस वाला” में प्रदर्शित बनारसी पान को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया। इसका मतलब है कि इन उत्पादों में उनके संबंधित क्षेत्रों की विशिष्ट गुणवत्ता होती है। बनारसी पान, जिसे अलग-अलग सामग्री की अनूठी मिश्रण और विशिष्ट स्वाद की वजह से जाना जाता है, के साथ तीन अन्य वाराणसी से सम्बंधित उत्पादों को भी जीआई टैग से सम्मानित किया गया है: बनारसी लांगड़ा आम, रामनगर भंटा (बैंगन) और अदमचिनी चावल। विशेषज्ञ रजनीकांत, जो जीआई में पद्म पुरस्कार विजेता हैं, ने इन उत्पादों की नियुक्ति की पुष्टि की है।

जीआई स्थिति एक विशिष्ट क्षेत्र से सम्बंधित पारंपरिक उत्पादों की अनूठी पहचान और गुणवत्ता को बढ़ावा और संरक्षण में मदद करती है, और इन उत्पादों की मांग बढ़ाकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में भी मदद करती है। सरकार और NABARD जैसे संगठन भारत के विभिन्न हिस्सों से पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने और संरक्षण करने के लिए काम कर रहे हैं।

भौगोलिक संकेत (GI) टैग एक ऐसी बौद्धिक संपदा संरक्षण की एक विधि है जो किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न उत्पादों को मान्यता देती है, जिनमें विशेष गुण या प्रतिष्ठा होती है। जीआई टैग इस बात का संकेत करती है कि उत्पाद में एक विशिष्ट गुणवत्ता, प्रतिष्ठा या किसी अन्य विशेषता होती है जो मूल रूप से उस क्षेत्र से जुड़ी हुई होती है। यह उत्पाद की अनूठी पहचान को संरक्षित करने में मदद करता है और उनकी मार्केटिंग और निर्यात को बढ़ावा देता है। जीआई टैग की प्रदान की जाती है भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा, जो भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करती है। 


 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण

  क्या होता है जीआई टैग

·         GI का मतलब Geographical Indication यानी भौगोलिक संकेत। जीआई टैग (GI Tag) एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। जिस वस्तु को यह टैग मिलता है, वह उसकी विशेषता बताता है।

·         शुरुआत - भारत की संसद द्वारा भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 पारित किया गया था। यह अधिनियम 15 सितंबर 2003 को लागू हुआ।

·         कौन प्रदान करवाता है - उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 

भारत में पहला जीआई टैग दार्जिलिंग की चाय को मिला है। उसे साल 2004 में यह टैग मिला था। उसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों और क्षेत्र विशेष की पहचान बन चुके 300 से ज्यादा उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। इनमें कश्मीर का केसर और पश्मीना शॉल, नागपुर के संतरे, बंगाली रसगुल्ले, बनारसी साड़ी, तिरुपति के लड्डू, रतलाम की सेव, बीकानेरी भुजिया, अलबाग का सफेद प्याज, भागलपुर का जर्दालु आम, महोबा का पान आदि शामिल है।