भारतीय नौसेना को सौंपी पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'वागीर'

 भारतीय नौसेना को सौंपी पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'वागीर'


पनडुब्बी परियोजना -75 के तहत कलवरी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी 20 दिसंबर 2022 को भारतीय नौसेना को सौंपी गई। परियोजना - 75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है। इन पनडुब्बियों का निर्माण मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई में किया जा रहा है। 


● भारतीय यार्ड में इन पनडुब्बियों का निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और कदम है और इस क्षेत्र में आत्मविश्वास बढ़ाता है, एक उल्लेखनीय उपलब्धि यह है कि यह 24 महीने की अवधि में भारतीय नौसेना को दी गई तीसरी पनडुब्बी है।

स्कॉर्पीन श्रेणी

• स्कॉर्पीन सबसे परिष्कृत पनडुब्बियों में से एक है, जो सतह - विरोधी जहाज़ युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करने, खदान बिछाने और क्षेत्र की निगरानी सहित कई मिशनों को पूरा करने में सक्षम है। इस श्रेणी की पनडुब्बियां डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम द्वारा संचालित की जाती हैं। आईएनएस सिंधुशास्त्र जिसे जुलाई 2000 में रूस से खरीदा गया स्कॉर्पीन वर्ग पनडुब्बी थी। 

प्रोजेक्ट 75 (पी-75)

• यह पी 75 के तहत छह पनडुब्बियों के निर्माण के लिए अक्तूबर 2005 में फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप व मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) अनुबंध किया गया था P75 के तहत INS कलवरी, INS खंडेरी, INS करंज INS वेला चालू किया और INS वाग्शीर को लॉन्च किया गया है। 14 दिसंबर, 2017 को स्कॉर्पिन श्रेणी की पहली पनडुब्बी 'आईएनएस कलवरी' को आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था

P-75(I) - यह विदेशी फर्मों से ली गई तकनीक के साथ स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण के लिये वर्ष 1999 में अनुमोदित योजना है।


www.acalive.live | ACA Aarush Current Affairs